Nifty और Sensex क्या होता है ? पूरी जानकारी।

What is Nifty and Sensex Full Information in Hindi:- न्यूज़ चैनल हो या न्यूज़पेपर हमे इनमें सेंसेक्स और निफ्टी के उतार-चढ़ाव के बारे में रोजाना बताया जाता है। जैसे की दुनिया की सबसे बड़ी न्यूज़ यही हो😅। तो अभी क्योंकि न्यूज़ चैनल और न्यूज़पेपर वाले रोज निफ्टी और सेंसेक्स के बारे में बताते रहते हैं, इसलिए आपके मन में भी यह बात जरूर आई होगी कि आखिर निफ्टी क्या होता है ? सेंसेक्स क्या होता है ? इनके उतार-चढ़ाव के बारे में रोज टीवी चैनल और न्यूज़पेपर पर क्यों दिखाया जाता है ? सेंसेक्स और निफ्टी आखिर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है ? 

अगर आपके मन में भी सेंसेक्स और निफ्टी के बारे में कई प्रकार के सवाल है ? तो आपको उन सभी सवालों के जवाब इस लेख में मिल जाएंगे। तो चलिये जानते है Nifty aur Sensex kya hota hai ?

Nifty और Sensex क्या होता है ? पूरी जानकारी।


Nifty और Sensex क्या होता है ? पूरी जानकारी।

India में NSE (National Stock Exchange) और BSE (Bombay Stock Exchange) दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजर्स है। NSE और BSE ऐसे प्लेटफॉर्म है जंहा भारत की बड़ी बड़ी कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते है। Nifty और Sensex इन्ही दोनों प्लेटफॉर्म्स के इंडेक्स है यानी की निर्देशांक है। अगर आपको इंडेक्स का मतलब समझ ना आया हो तो चिंता ना करे, आगे आपको अच्छे से समझ आ जाएगा।

Nifty 'NSE' का इंडेक्स है और Sensex 'BSE' का इंडेक्स है। NSE मार्केट में 1600 से भी ज्यादा कंपनियां सामिल है, वंही BSE में 5000 से भी ज्यादा कंपनियां सामिल है, इसलिए अगर हमे रोज पूरे NSE या BSE मार्केट का हाल जानना हो तो हमे NSE और BSE मार्केट में सामिल सभी कंपनियों की परफॉर्मेंस देखनी होगी, लेकिन रोज ऐसा करना मुमकिन नही है। इसलिए इन दोनों स्टॉक एक्सचेंजर्स में index यानी की Nifty और Sensex का निर्माण किया गया।

क्योंकि भारत में लाखो करोड़ों लोग ऐसे है, जो शेयर मार्किट में काम करते है, मार्केट में पैसे लगाते है, कंपनियों के शेयर खरीदते और बेचते है। इसलिए सभी इन्वेस्टर्स के लिए रोज यह जानना जरूरी होता है कि आज मार्केट का हाल कैसा रहा, क्योंकि मार्केट के उतार चढ़ाव के आधार पर ही कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते है। लेकिन जैसा कि हमने आपको पहले बताया की NSE में 1600 और BSE में 5000 से भी ज्यादा कंपनियां शामिल है। इसलिए इन्वेस्टर रोज इन सभी कंपनियों को चेक नहीं कर सकते हैं। इसलिए पूरे मार्केट का औसतन हाल कैसा रहा ? यह दर्शाने के लिए निफ्टी और सेंसेक्स को लाया गया।

Nifty और Sensex को लाने का मकसद बस इतना सा है कि हमें सिर्फ सेंसेक्स और निफ्टी को देखकर एक अंदाजा लग जाए कि आज मार्केट का हाल कैसा रहा। जो लोग शेयर मार्केट में पैसे इन्वेस्ट करते है उनके लिए निफ्टी और सेंसेक्स काफी फायदेमंद होते है। क्योंकि शेयर मार्केट में तो वर्तमान में 7000 से भी ज्यादा कंपनियां शामिल है। अभी हम रोज इन 7000 कंपनियों को तो चेक कर नहीं सकते है। इसलिए निफ्टी और सेंसेक्स का निर्माण किया गया, जिसमें देश की सबसे बड़ी कंपनियों को शामिल किया जाता है और उसके बाद यह टॉप कंपनियां जैसे-जैसे परफॉर्म करती है, उसी के हिसाब से निफ्टी और सेंसेक्स के पॉइंट कम ज्यादा होते रहते हैं।

तो अगर आपको निफ़्टी और सेंसेक्स के पॉइंट हरे रंग के साथ ऊपर जाते हुए दिखे तो इसका मतलब है आज भारत का मार्केट बीते हुए कल से (पिछले दिन से) अच्छा रहा और वही अगर सेंसेक्स और निफ्टी के पॉइंट्स लाल रंग के साथ नीचे जाते हुए दिखे तो इसका मतलब होता है आज भारत के शेयर मार्केट का हाल पिछले दिन से खराब रहा। 

लेकिन हर बार यह जरूरी नहीं होता कि अगर निफ्टी और सेंसेक्स का ग्राफ नीचे जा रहा हो तो शेयर मार्केट की सभी कंपनियों का ग्राफ नीचे जाएगा। जैसा कि हमने आपको बताया की निफ्टी में सिर्फ देश की सबसे बड़ी 50 कंपनियां तथा सेंसेक्स में देश की सबसे बड़ी 30 कंपनियां ही शामिल होती है। उन्हीं के आधार पर सेंसेक्स और निफ्टी के पॉइंट कम ज्यादा होते रहते हैं। लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि अगर निफ्टी और सेंसेक्स के पॉइंट आज गिर रहे हैं तो शेयर मार्केट की सभी कंपनियों के पॉइंट गिरेंगे। ऐसा बहुत सी बार देखा गया है की निफ़्टी और सेंसेक्स में सामिल कंपनियों और बाकी कंपनियों के उतार चढ़ाव में काफी फर्क मिलता है।

हमें स्टॉक मार्केट का हाल जानने के लिए सभी कंपनियों को देखने की जरूरत नही हम सिर्फ निफ़्टी और सेंसेक्स को देख कर मार्केट का हाल जान सकते हैं। 

निफ़्टी और सेंसेक्स जैसे स्टॉक मार्केट के प्रमुख इंडेक्स है, वैसे ही NSE और BSE में अलग अलग सेक्टर्स के लिए भी इंडेक्स बनाये गए है। जैसे अगर आपको सिर्फ बैंक सेक्टर की कंपनियों का मार्केट देखना हो तो आप NSE के Banknifty इंडेक्स को देलह सकते है और BSE में BANKEX इंडेक्स को देख सकते है। ऐसे ही स्टॉक मार्केट में Small Cap (छोटी कंपनियों) और Mid Cap (मध्यम कंपनियों) के भी अलग अलग इंडेक्स होते है।


Nifty क्या है ? What is Nifty in Hindi

जैसा की हम आपको ऊपर बता चुके है, Nifty NSE का इंडेक्स है, जिसको देख कर हम NSE मार्केट का पूरा हाल जान सकते है। Nifty शब्द National और Fifty को मिला कर बना है। यंहा National शब्द को इस लिए लिया गया है क्योंकि ये NSE (National Stock Exchange) का इंडेक्स है, और Fifty शब्द को इस लिए लिया गया है क्योंकि इसमे सिर्फ 50 कंपनियों यानी की Fifty कंपनियों को सामिल किया जाता है। NSE में वर्तमान में 1600 से भी ज्यादा कंपनियां सामिल है, किन्तु Nifty में सिर्फ टॉप 50 कंपनियों को सामिल किया जाता है। निफ़्टी को 'Nifty Fifty' के नाम से भी जाना जाता है।


Sensex क्या है ? What is Sensex in Hindi ?

Sensex BSE मार्केट का इंडेक्स है, जिसको देख कर हम BSE मार्केट का हाल जान सकते है। Sensex शब्द Sensitive और Index शब्द से मिल कर बना है। Sensex में टॉप 30 सबसे बड़ी कंपनियां सामिल है। इसलिए इन टॉप 30 कंपनियों के परफॉर्मेंस के आधार पर ही सेंसेक्स की मूवमेंट ऊपर नीचे होती रहती है।

निफ़्टी और सेंसेक्स में हर सेक्टर से कंपनियां सामिल की जाती है। जिस कंपनियां का फ्री फ्लोट मार्किट कैप ज्यादा होता है उसी को निफ़्टी और सेंसेक्स में सामिल किया जाता है। हर 3 महीने से मार्केट की सभी कंपनियों का स्टेटस चेक किया जाता है। इसमे अगर निफ़्टी और सेंसेक्स में सामिल किसी कंपनी की वैल्यू कम हो जाए तो उसको निफ़्टी और सेंसेक्स से बाहर कर दिया जाता है और उसके स्थान पर दूसरी कंपनी को सामिल कर लिया जाता है। लेकिन इसके लिए शर्त यह है की जिस कंपनी को अभी निफ़्टी या सेंसेक्स में सामिल किया जा रहा है उसका फ निफ़्टी सेंसेक्स से बाहर जाने वाली कंपनी से ज्यादा होना चाहिए।


Free Float Market Cap क्या होता है ? 

एक होती है कंपनी की Real Value जिसको कंपनी का मार्केट कैप (Market Cap) कहते हैं, और एक होता है कंपनी का Free Float Market Cap, तो कंपनी के Market Cap और Free Float Market Cap में क्या अंतर है ? चलिए हम आपको बताते हैं।

जैसे कि मान लीजिये की एक कंपनी है जिसकी वैल्यू 100 करोड़ रुपए है, तो यहां पर 100 करोड रुपए उस कंपनी की रियल वैल्यू यानी की उसका Market Cap हो गया। 

अभी स्टॉक मार्केट में जितने भी कंपनियां शामिल है, उन कंपनियों पर 100% हक सिर्फ कंपनी के मालिक का नहीं होता है। कुछ हिस्सा अन्य इन्वेस्टर्स का भी होता है। इसलिए कंपनी का जो हिस्सा इन्वेस्टर्स के पास होता है वही उस कंपनी का Free Float Market Cap होता है। 

जैसे मान लीजिए की एक कंपनी है जिसकी टोटल वैल्यू 100 करोड़ है, जिसमें ₹60 करोड़ रुपये उस कंपनी के मालिक ने लगा रखे हैं और ₹40 करोड़ रुपये बाकी बहुत सारे छोटे छोटे इन्वेस्टर्स नहीं लगा रखे हैं। तो यहां पर उस कंपनी का Free Float Market Cap ₹40 करोड़ रुपये हो गया। इस प्रकार से निफ्टी और सेंसेक्स में सिर्फ उन्हें उन सबसे बड़ी कंपनियों को शामिल किया जाता है जिनका Free Float Market Cap सबसे ज्यादा होता है। प्रत्येक 3 महीने से स्टॉक मार्केट की सभी कंपनियों को ट्रैक किया जाता है, और निफ्टी और सेंसेक्स की कंपनियों में बदलाव होते रहते है।


Nifty और Sensex से संबंधित प्रश्न और उत्तर 

निफ्टी में कितनी कंपनियां शामिल होती है ?

Nifty में NSE की 50 सबसे बड़ी कंपनियां शामिल होती है।

Nifty की फुल फॉर्म क्या होती है ?

Nifty National और Fifty इन दो शब्दों से मिलकर बना है।

Sensex में कितनी कंपनियां शामिल होती है ?

सेंसेक्स में BSE की 30 सबसे बड़ी कंपनियां शामिल होती है।

Sensex की फुल फॉर्म क्या होती है ?

Sensex शब्द Sensitive और Index शब्द से मिल कर बना है। जिसमे भारत की टॉप 30 सबसे बड़ी कंपनियां सामिल है।

क्या Nifty और Sensex दोनो कंपनियां है ?

नहीं निफ्टी और सेंसेक्स कंपनियां नही है बल्कि ये सिर्फ NSE और BSE के इंडेक्स है।

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तो आज के इस लेख में आपने सीखा की Nifty kya hota hai ? Sensex kya hota hai ?  इस लेख मे आपने निफ्टी और सेंसेक्स के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में जानी है। उम्मीद है कि आपको यह जानकारी अच्छे से समझ में आ गई होगी। अगर अभी भी आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो आप हमें नीचे कमेंट करके बता सकते हैं।  

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