What is convent school full information in hindi:- आजादी के इतने साल बाद अगर हम शिक्षा के क्षेत्र में भारत की उपलब्धि की बात करें तो शिक्षा के संस्थान भारत के हर एक गांव और शहर में खोल दिए गए हैं। वर्तमान समय में भारत में शायद ही ऐसा कोई गांव होगा जहां पर स्कूल ना हो, आपने अपने आसपास देखा होगा कि कुछ कुछ गांव में एक नहीं बल्कि 1 से भी ज्यादा स्कूल मौजूद है।
सामान्य स्कूल के बारे में तो हम सभी जानते हैं, हम सभी स्कूलों में पढ़े हैं तथा हमारे बच्चे भी स्कूल में पढ़ रहे हैं, लेकिन आपने अपने आसपास कहीं ना कहीं convent school का नाम जरूर देखा होगा या कान्वेंट स्कूल के बारे में सुना होगा। अगर ऐसा है और आप जाना चाहते हैं कि Convent School क्या होती है ? या कान्वेंट स्कूल किसे कहते हैं ? कॉन्वेंट स्कूल की शुरुआत क्यों हुई ? कॉन्वेंट स्कूल और सामान्य स्कूल में क्या अंतर होता है ? तो आप इस लेख को अंत तक पढ़िएगा, आपको इसके बारे में पूरी जानकारी हो जाएगी।
Convent School क्या होती है ?
कॉन्वेंट स्कूल मुख्य रूप से क्रिश्चियन धर्म के बच्चों को पढ़ाने के लिए तैयार की गई संस्थाएं है जहां पर सामान्य स्कूलों की तरह ही ईसाई धर्म के बच्चों को पढ़ाया जाता है। यह स्कूल इंग्लिश मीडियम में होती है इसलिए भारत में यह स्कूल आजकल काफी लोकप्रिय हो रही है क्योंकि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की इंग्लिश काफी अच्छी होती है। आपको बता दें कि इन स्कूलों में ना सिर्फ इंग्लिश का नॉलेज होता है बल्कि अच्छी शिक्षा भी मिलती है।
कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ाने वाले टीचर्स को फादर, मदर, सिस्टर, ब्रदर आदि नाम से बुलाया जाता है ताकि बच्चों और टीचर्स के बीच के संबंध अच्छे हो और बच्चे टीचर्स की बात को अच्छे से समझ पाए। कॉन्वेंट स्कूल में सभी बच्चों को एक समान रखा जाता है, एक समान शिक्षा दी जाती है चाहे बच्चा किसी भी धर्म या जाति का हो, काला हो या गोरा हो, स्कूल में सभी बच्चों को एक समान समझा जाता हैं। कॉन्वेंट स्कूल सभी धर्मों के बच्चों के लिए खुली है किसी भी धर्म के बच्चे कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ सकते हैं इसीलिए आपने देखा होगा हमारे आसपास ईसाई धर्म के लोग ना होने पर भी कॉन्वेंट स्कूल देखने को मिल जाती है।
कॉन्वेंट स्कूल की शुरुआत क्यों हुई ?
अगर हम कान्वेंट स्कूल के इतिहास की बात करें तो इसका इतिहास काफी पुराना माना जाता है। इसकी शुरुआत यूरोप में हुई थी और उस समय लावारिस बच्चों को जिस स्थान पर रखा जाता था और पढ़ाया जाता था उसी को कान्वेंट कहा जाता था। उस समय ज्यादातर लोग सिर्फ आनंद के लिए शारीरिक संबंध बनाते थे इसलिए अगर बच्चे हो जाते हैं तो उन्हें लावारिस छोड़ दिया जाता था। ऐसे बच्चे जब किसी अच्छे इंसान को मिल जाते तो उन्हें कॉन्वेंट लाया जाता, जहां पर टीचर उन बच्चों की देखभाल करते, उन्हें पढ़ाते और शिक्षा देते थे। ऐसे टीचर्स को फादर, मदर, ब्रदर, सिस्टर कहा जाता था ताकि लावारिस बच्चों को अकेलापन महसूस ना हो।
भारत में पहला कॉन्वेंट स्कूल कोलकाता में 1842 में खोला गया था। यह स्कूल अंग्रेजों के द्वारा खोला गया था जहां लावारिश बच्चो को पढ़ाया जाता था।
सामान्य स्कूल और कान्वेंट स्कूल में क्या अंतर होता है ?
सामान्य स्कूल और कान्वेंट स्कूल में मुख्य अंतर तो यही होता है कि सामान्यतः हमारे देश की स्कूलों में हिंदी भाषा में पढ़ाया जाता है, वहीं पर कान्वेंट स्कूल में इंग्लिश भाषा में पढ़ाई करवाई जाती है। कॉन्वेंट स्कूल में टीचर्स को फादर, मदर, सिस्टर और ब्रदर नाम से पुकारा जाता है ताकि स्कूल में भी अपनापन महसूस हो जबकि सामान्य स्कूलों में टीचर्स को टीचर्स, अध्यापक, अध्यापिका, गुरु तथा ऐसे ही कई प्रकार के नामों से पुकारा जाता है। कॉन्वेंट स्कूलों में सभी जाति धर्म के बच्चों को एक समान समझा जाता है तथा एक समान ही शिक्षा दी जाती है तथा सामान्य स्कूलों में भी शिक्षा के क्षेत्र में कोई भेदभाव नहीं किया जाता है।
तो अभी आपको पता चल गया होगा कि convent school kya hoti hai ? Normal school aur convent school me kya antar hota hai ? अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें। इसके अलावा अगर आप ऐसे ही किसी अन्य टॉपिक के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट करके बता सकते हैं।
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