NGO क्या होता है ? NGO कैसे काम करता है ? पूरी जानकारी।

What is NGO Full Information in Hindi : - भारतीय समाज में बूढ़े मां बाप को घर से बाहर निकालने पर, माता-पिता की मृत्यु हो जाने पर अनाथ हुए बच्चों को, तथा पति की मृत्यु होने के बाद बेसहारा हुई पत्नी को इस समाज में कोई नहीं अपनाता हैं। तब इन सभी के पास लास्ट ऑप्शन NGO होता हैं। एनजीओ के माध्यम से बेसहारा लोगों को रहने, खाने-पीने और शिक्षा व्यवस्था से संबंधित सभी सुविधाएं एनजीओ के द्वारा प्रोवाइड करवाई जाती है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि NGO क्या होता है ? NGO कैसे काम करता है ? भारत में NGO कैसे खोलते हैं ? अगर आपको भी इन सभी सवालों के जवाब नहीं मालूम है। तब आज हम आपको एनजीओ से जुड़ी संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।


NGO की फुल फॉर्म क्या है ? What is NGO Full Form in Hindi 

NGO की फूल फॉर्म " Non Governmental Organisation " होता हैं। जिसका हिंदी में मतलब गैर सरकारी संगठन होता हैं। 


NGO क्या होता हैं ? What is NGO in Hindi ?

एनजीओ एक ऐसा प्राइवेट ऑर्गेनाइजेशन होता है जो देश में जरूरतमंद लोगों की मदद करता है। जैसे हमारे भारतीय समाज में बूढ़े मां बाप को घर से बाहर निकाल देते हैं। माता पिता की मृत्यु हो जाने के बाद अनाथ हुए बच्चे और तलाक हो जाने के बाद पत्नी बेसहारा हो जाती है। तब इनको समाज में किसी भी प्रकार का सहारा न मिलने के कारण एनजीओ इनके रहने, खाने-पीने की सुविधा देता है। इसी के साथ ही जिन बच्चों के माता-पिता नहीं है। उनको रहने खाने-पीने और शिक्षा व्यवस्था दिलाने की जिम्मेदारी एनजीओ उठाता है।

एनजीओ एक ऐसा गैर सरकारी संगठन होता है जिसमें सरकार का कोई रोल नहीं होता है। मतलब एनजीओ के अंदर सरकार किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर सकती। 

हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि इंडिया में अभी लगभग 3.2 मिलियन रजिस्टर्ड एनजीओ हैं। और भारत के सभी एनजीओ Central Societies Act के अंडर काम करते हैं। राजस्थान राज्य में भी राजस्थान सोसायटी एक्ट बनाया गया हैं।


NGO कैसे काम करता हैं ? How Does NGO Works in Hindi

अगर बात की जाए एनजीओ को चलाने की तो एनजीओ को एक सिंगल व्यक्ति मैनेज नही कर सकता है। बल्कि इसके लिए कम से कम 7 व्यक्तियों की जरूरत पड़ती। क्योंकि एनजीओ का मतलब किसी एक व्यक्ति का फायदा नहीं होता है बल्कि इनका मकसद समाज सुधार करना होता है। समाज में जितने भी छोटी बड़ी समस्याएं हैं उनको सुलझाना और उनकी व्यवस्था करवाना एनजीओ का मुख्य काम होता है। 


एनजीओ दो टाइप के होते हैं : - NGO Types

1. Registered NGO

2. Non Registered NGO

1. Registered NGO - यह एनजीओ सरकार के अंदर रजिस्टर्ड होते हैं। जिसके कारण इनको सरकार से कुछ सहायता राशि मिल जाती है। यानी एनजीओ को सरकार के अंदर रजिस्टर कराने पर NGO को चलाने के लिए सरकार से कुछ फंडिंग मिल जाती हैं। 

2. Non Registered NGO - यह एनजीओ सरकार के अंदर रजिस्टर्ड नहीं होते हैं। जिसके कारण इनको सरकार से किसी भी तरह की फंडिंग नहीं मिलती है। 


NGO का क्या काम होता हैं ? What is The Work of A NGO

> भारतीय समाज में बूढ़े मां बाप को घर से बाहर निकालने पर एनजीओ इनके खाने-पीने और रहने की सुविधा करता है। 

> जिन बच्चों के माता पिता की मृत्यु हो गई है तब इनको सहारा देने के लिए एनजीओ इनके खाने पीने रहने और शिक्षा व्यवस्था से संबंधित सभी तरह की सुविधा प्रदान करता है। 

> पति की मृत्यु हो जाने के बाद विधवा पत्नी और पति के तलाक देने के बाद बेसहारा हुई महिला को सहारा देने के लिए NGO मदद करता हैं। 

> जो लोग गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं उनकी सहायता करना।

> ऐसे व्यक्ति जो विकलांग की श्रेणी में आते हैं उनकी भी मदद एनजीओ करता है। 

देश में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, कृषि, महिलाओं और बच्चों, स्पोर्ट्स, बूढ़े मां बाप और जरूरतमंद लोगों की सहायता करना एनजीओ का मुख्य काम होता हैं।  


एनजीओ रजिस्टर कैसे करें ? How to Register NGO in India

भारत में एनजीओ खोलने या रजिस्टर करने के लिए तीन एक्ट बनाए गए हैं। आप इन तीनों एक्ट में से किन्ही एक एक्ट के तहत एनजीओ रजिस्टर करवा सकते हैं। जिसका प्रोसेस आपको नीचे बताया गया है। 

1. Trust Act

2. Society Act

3. Companies Act

1. Trust Act : - भारत के अलग-अलग राज्यों में एक ट्रस्ट एक्ट होता हैं। अगर किसी राज्य में ट्रस्ट एक्ट नहीं है तब वहां पर 1882 ट्रस्ट एक्ट लागू होता है। जिसमें एक एनजीओ को रजिस्टर कराने के लिए आपको चैरिटी कमिश्नर या रजिस्ट्रार ऑफिस में अप्लाई करना होगा। इस एक्ट के तहत एक एनजीओ को रजिस्टर कराने के लिए कम से कम 2 ट्रस्टी और एक ट्रस्ट डीड डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है। 

2. Society Act : - एनजीओ को सोसाइटी के रूप में रजिस्टर कराने के लिए कम से कम 7 सदस्यों की जरूरत पड़ती है। लेकिन सोसायटी एक्ट ज्यादातर महाराष्ट्र राज्य में ही लागू होता है। इस एक्ट के तहत एक एनजीओ को रजिस्टर कराने के लिए एक मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन, नियम और विनियम जैसे दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है। 

3. Companies Act : - इस एक्ट के तहत एक एनजीओ को रजिस्टर कराने के लिए ज्ञापन और एसोसिएशन के लिए विनियमन दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है। लेकिन इन दस्तावेजों को बनवाने के लिए किसी स्टांप पेपर की जरूरत नहीं पड़ती हैं। इस एक्ट के तहत रजिस्टर करने के लिए कम से कम 3 सदस्यों की जरूरत पड़ती है। 


NGO रजिस्टर करवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या है ? 

  • ट्रस्ट डीड
  • मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन
  • रूल्स एंड रेगुलेशन/मेमोरेंडम
  • आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन रेगुलेशन
  • एफिडेविट फ्रॉम प्रेसिडेंट
  • रजिस्टर्ड ऑफिस ऐड्रेस प्रूफ डॉक्युमेंट्स
  • बैंक पासबुक
  • वोटर आईडी कार्ड
  • आधार कार्ड 
  • पासपोर्ट 
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • सोसाइटी का नाम
  • ऐड्रेस प्रूफ डॉक्युमेंट्स


भारत के कुछ पॉपुलर एनजीओ के नाम : - 

  • हेल्पेज इंडिया
  • स्माइल फाउंडेशन
  • सम्मान फाउंडेशन
  • केयर इंडिया
  • नन्हीं काली
  • गिव इंडिया फाउंडेशन
  • चाइल्ड राइट्स एंड यू
  • चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन


NGO से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

NGO का मतलब हिंदी में क्या होता है ?

NGO का मतलब Non Governmental Organisation होता हैं। जिसको हिंदी में गैर सरकारी संगठन कहते हैं। 

NGO को पैसा कहां से मिलता है ?

ऐसे बहुत सारे लोग और कंपनियां है जो की गरीब और असहाय लोगों की सहायता करने के लिए NGO को पैसे दान में देते है। NGO को हम और आप जैसे लोगो भी पैसे डोनेट कर सकते है।

NGO का मुख्य कार्य क्या होता है ?

NGO मुख्य कार्य देश में असहाय महिलाओं, बच्चों, बूढ़े मां बाप और जरूरतमंद लोगों की सहायता करना होता हैं। 

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हम आशा करते हैं कि आपको एनजीओ से जुड़ी सभी तरह की जानकारी मिल गई होगी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आती है तब आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजिएगा। इसी के साथ ही अन्य सभी जानकारी जानने के लिए हमारी ब्लॉग वेबसाइट Dainiktricks.com पर विजिट जरूर कीजिएगा।

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