PPP Modal क्या होता है ? इसके फायदे और नुकसान क्या है ?

What is PPP Modal Full Information in Hindi : - हमारे भारत देश में ऐसे बहुत सारे सरकारी प्रोजेक्ट होते हैं जिन्हें पूरा करने के लिए सरकार और निजी कंपनियां आपस में मिलकर के काम करती है। इसी को PPP (सार्वजनिक निजी साझेदारी) मॉडल नाम दिया गया हैं। आप सभी के जानकारी के लिए बता दूं की भारत सरकार के द्वारा जितने भी बड़े बड़े प्रोजेक्ट की घोषणा की जाती है वे सभी पीपीपी मॉडल के तहत ही कंप्लीट किए जाते हैं। लेकिन कुछ लोगों को पीपीपी मॉडल के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। 

इसलिए आज हमने सोचा क्यों न आपको भी पीपीपी मॉडल क्या होता है ? पीपीपी की फुल फॉर्म क्या है ? पीपीपी मॉडल के फायदे और नुकसान क्या है ? यह सभी जानकारी आज हम इस पोस्ट में देने वाले हैं तो आप इस पोस्ट को शुरू से लेकर लास्ट तक जरूर पढ़े। 


PPP की फुल फॉर्म क्या है ? What is PPP Full Form in Hindi

PPP की फुल फॉर्म Public Private Partnership होती है। जिसे हिंदी में सार्वजनिक निजी साझेदारी के नाम से जानते हैं। लेकिन पीपीपी के अन्य फुल फॉर्म भी है जिनकी जानकारी हम आपको नीचे बता रहे हैं। 

1. Power Point Presentation

2. Purchasing Power Parity

3. Peoples Progressive  Party

वैसे हम आप लोगों को पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के बारे में बताने वाले हैं। 


पीपीपी मॉडल क्या होता है ? What is PPP Model in Hindi

भारत सरकार लोगों के हित में बड़े बड़े प्रोजेक्ट की घोषणा तो कर देती है। लेकिन इन प्रोजेक्टों को पुरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में धन और संसाधन नहीं होते हैं। इसलिए भारत सरकार, निजी कंपनियों के साथ मिलकर के इन बड़े बड़े प्रोजेक्ट को अंजाम देती है। इसी को हम पीपीपी मॉडल कहते हैं। पीपीपी मतलब सार्वजनिक निजी साझेदारी। पीपीपी मॉडल का सबसे अच्छा फायदा यह होता है कि इसमें कम लागत और निर्धारित समय पर काम पूरा होने की संभावना रहती है। 

जैसा कि आप लोगों को पता ही होगा कि दुनिया के लगभग सभी देश प्राइवेट सेक्टर के दम पर ही डवेलप हो पाते हैं। लेकिन दुनिया का ऐसा कोई देश नहीं है जो सरकार के दम पर डेवलप हुआ हो। आज दुनिया का सुपर पावर देश चीन भी सबसे ज्यादा विकसित देश है। इसका मेन रीजन प्राइवेट सेक्टर है। क्योंकि प्राइवेट सेक्टर की बदौलत ही आज चीन दुनिया का सुपर पावर देश बन पाया है। और तो और प्राइवेट सेक्टर के दम पर चीन 15 दिन में 60 मंजिल बिल्डिंग खड़ी करने का दम रखता है। 

अभी के कुछ सालों में हमारे देश में भी प्राइवेट सेक्टर और सरकार के आपसी सहयोग से काफी सारे बड़े बड़े प्रोजेक्ट को कंप्लीट किया गया है। जैसे हाईवे का निर्माण, एयरपोर्ट, पावर प्लांट, टेलीकम्युनिकेशन और रेलवे से संबंधित प्रोजेक्ट इत्यादि। 


पीपीपी मॉडल के फायदे और नुकसान क्या हैं ? 

पीपीपी मॉडल के फ़ायदे : -

> पीपीपी मॉडल का सबसे अच्छा फायदा यही है कि इसमें बड़े बड़े प्रोजेक्ट कम लागत और सही समय पर किए जाते हैं।

> जब भी कोई बड़े प्रोजेक्ट सरकार और निजी कंपनियों के आपसी सहयोग से पूरे किए जाते हैं। तब प्रोजेक्ट में लगने वाला पैसा सरकार और निजी कंपनियां आपस में मिलकर के लगाती हैं। 

> इस मॉडल के तहत प्राइवेट सेक्टर में लोगों को सबसे ज्यादा नौकरियां मिलेगी। 

पीपीपी मॉडल के नुकसान : - अगर बात की जाए पीपीपी मॉडल से होने वाले नुकसान की तब इसमें ज्यादा कोई नुकसान नहीं होने वाला है। लेकिन इसका प्रभाव सबसे ज्यादा सरकारी नौकरी पर पड़ेगा। क्योंकि पीपीपी मॉडल में बड़े बड़े प्रोजेक्ट को निजी कंपनियां ही हैंडल करती हैं। इसलिए गवर्नमेंट सेक्टर में नौकरियां की कमी हो सकती है। लेकिन वही लोगों को प्राइवेट सेक्टर में सबसे ज्यादा नौकरियां मिल सकेगी। 


पीपीपी मॉडल की जरूरत क्यों पड़ी ? 

जब भी सरकार को अपने बड़े बड़े प्रोजेक्ट यानी करोड़ों रुपयों के प्रोजेक्ट को पूरा करना होता है। तब सरकार के पास ज्यादा धन और संसाधन की व्यवस्था नहीं होती है। इसलिए सरकार निजी कंपनियों के साथ सेटलमेंट करती हैं। फिर करोड़ों रुपयों के प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए सरकार और निजी कंपनियां साथ मिलकर के काम करती है। 

तो दोस्तों आज आपने जाना कि पीपीपी मॉडल क्या होता है ? PPP की फुल फॉर्म क्या है ? पीपीपी मॉडल की जरूरत क्यों पड़ी ? पीपीपी मॉडल के फायदे और नुकसान क्या है ? अगर आपको अभी भी इस टॉपिक से रिलेटेड कोई डाउट हो तो आप हमें कमेंट में पूछ सकते हैं। इसके अलावा हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आती है। तब आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर कीजिएगा। अन्य किसी भी टॉपिक के बारे में जानकारी जानने के लिए आप हमारी ब्लॉग वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।  

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