प्याज और लहसुन क्यों नहीं खाना चाहिए ?

Pyaj aur lehsun kyu nahi khana chahiye:- आपने अक्सर ब्राह्मणों, हिंदू धर्म गुरुओं तथा बहुत से शुद्ध शाकाहारी लोगों से सुना होगा कि प्याज और लहसुन नहीं खाना चाहिए। या बहुत से लोगो को ऐसे कहते हुए सुना होगा कि मांस और अंडे तो दूर की बात मैं तो प्याज और लहसुन भी नहीं खाता।

तो आखिर हिंदू धर्म में प्याज और लहसुन को नहीं खाने की सलाह क्यों दी जाती है ? प्याज और लहसुन भी बाकी सब्जियों की तरह खेतों में जमीन पर ही लगाए जाते हैं लेकिन फिर भी हिंदू धर्म में प्याज लहसुन खाने की मनाही क्यों की जाती है ? तो चलिए आज के लेख में हम आपको यही बताते हैं कि आखिर प्याज और लहसुन क्यों नहीं खाना चाहिए ?

लेकिन उस से पहले मैं आपको बताना चाहूंगा कि जब मैंने पहली बार यह सुना कि शाकाहारी लोगों को प्याज और लहसुन नहीं खाना चाहिए तो मुझे लगा कि कहीं ना कहीं प्याज और लहसुन की मांसाहारी होते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है प्याज और लहसुन मांसाहारी नहीं होते है बल्कि यह भी शाकाहारी होते हैं यह भी बाकी सब्जियों की तरह खेतों में उगाए जाते हैं। लेकिन हिंदू धर्म में प्याज और लहसुन को लेकर एक बहुत मान्यता है जिसकी वजह से प्याज और लहसुन को खाने योग्य नहीं बताया गया है। चलिए हम आपको इसके बारे में बताते हैं।

प्याज और लहसुन नहीं खाने का कारण क्या है


प्याज और लहसुन क्यों नहीं खाना चाहिए ?

वैसे तो हिंदू धर्म गुरुओं के अनुसार प्याज और लहसुन नहीं खाने को लेके कई अलग-अलग तथ्य है। लेकिन जो सबसे उचित और सबसे ज्यादा सही कारण माना जाता है वह यह है कि हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार प्याज और लहसुन इंसान में तमोगुण (तम/तमस गुण) पैदा करता है, तमस गुण में वृद्धि करता है इसलिए हमें प्याज और लहसुन नहीं खाना चाहिए। अभी आपके मन में यह सवाल आ सकता है कि तमो गुण क्या होता है ? या तम/तमस गुण क्या होता है तो चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं।


तमो/ तमस गुण क्या होता है

तमो, तम, तमस सब एक ही है बस कुछ लोग इसे तमोगुण कहते हैं, कुछ तम गुण तथा कुछ तमस गुण कहते हैं। तमोगुण का वर्णन भागवत गीता में किया गया है। महाभारत युद्ध शुरू होने से पहले जब श्रीकृष्ण अर्जुन को भागवत गीता के बारे में बताते हैं तब श्री कृष्ण अर्जुन को इंसानों में पाए जाने वाले तीन प्रकार के गुणों के बारे में बताते हैं जिसमें सत्व, राजस और तमस गुण होते हैं।

भगवत गीता के अनुसार हर एक इंसान में यह तीनों गुण पाए जाते हैं लेकिन इन तीनों में से कोई एक गुण हर एक इंसान में ज्यादा मात्रा में पाया जाता है और उसी गुण के अनुसार उस इंसान की प्रवृत्ति होती है। चलिए आपको इन तीनों गुणों के बारे में संक्षिप्त में बताते हैं।

सत्व गुण:- सत्व गुण को सबसे अच्छा और उत्तम गुण माना माना जाता है। सत्व गुण वाला व्यक्ति सात्विक तथा सबसे सच्चा व्यक्ति माना जाता है। ऐसे व्यक्ति का आचार, व्यवहार, विचार सब पवित्र होते है।

राजस गुण:- जिस व्यक्ति में यह गुण ज्यादा होता है उसे ऐश्वर्य, ठाट पाट और आनंदमय जीवन बिताने की इच्छा काफी ज्यादा होती है। ऐसा व्यक्ति हमेशा अन्य लोगो पर राज करने की चाह रखता है।

तमस गुण:- जिस व्यक्ति में तमस गुण ज्यादा होता है वह आलसी किस्म का इंसान होता है। ऐसे इंसान में क्रोध और घृणा जैसी भावनाएं बहुत ज्यादा होती है।

इन तीनों गुणों में से तमोगुण को सबसे बुरा माना जाता है और हमारी धार्मिक किताबों के अनुसार प्याज और लहसुन खाने से तमोगुण बढ़ता है यानी इंसान में आलस, घृणा और क्रोध जैसी भावनाएं ज्यादा पैदा होती है इसलिए हिंदू धर्म में प्याज और लहसुन खाने से मना किया जाता है।

तो अभी आपको पूरी जानकारी हो गई होगी कि प्याज और लहसुन क्यों नहीं खाना चाहिए ? या प्याज और लहसुन नहीं खाने का कारण क्या है अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। इसके अलावा हम आपको बताना चाहेंगे कि यहां बताएगी जानकारी इंटरनेट पर आधारित सूचनाओं से ली गई है इसलिए अगर आपको लगता है कि यहां बताई गई जानकारी में किसी प्रकार की त्रुटि है तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं ताकि उसमें सुधार किया जा सके। 

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