MRP क्या होती है ? एमआरपी का मतलब क्या होता है ?

What is the meaning of MRP full information in hindi:- जब भी हम बाजार से कोई सामान खरीदने जाते हैं तो उस सामान पर हमें उस प्रोडक्ट के बारे में बेसिक जानकारियों के साथ-साथ उस प्रोडक्ट की MRP भी लिखी हुई मिलती है। लेकिन ज्यादातर लोगों को यह मालूम नहीं होता है कि MRP का मतलब क्या होता है ? हम दुकान से जो भी सामान खरीदते हैं उसकी MRP कौन तय करता है ? अगर कोई दुकानदार किसी प्रोडक्ट के MRP से भी ज्यादा पैसे ले तो उसकी शिकायत आप कहां पर कर सकते हैं ? ऐसी बहुत सारी जानकारियां आपको इस लेख में मिलने वाली है। इसलिए अगर आप के मन में एमआरपी से संबंधित किसी भी प्रकार का कोई भी सवाल हो तो यह लेख पढ़ने के बाद आपके सभी सवाल क्लियर हो जाएंगे।


MRP की फुल फॉर्म क्या है ?

MRP की फुल फॉर्म Maximum Retail Price होती है। MRP का मतलब हिंदी में 'अधिकतम खुदरा मूल्य' होता है।


MRP क्या होती है ? एमआरपी का मतलब क्या होता है ?

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया MRP का मतलब अधिकतम खुदरा मूल्य होता है, यानी कि हम बाजार से जो भी सामान खरीदते हैं उस पर जो भी MRP होती है वह उस सामान की अधिकतम रिटेल प्राइस होती है। कोई भी दुकानदार एमआरपी से ज्यादा ₹1 भी नहीं सकता है। अगर कोई दुकानदार एमआरपी से भी ज्यादा कीमत लेता है तो आप उसकी शिकायत कंजूमर कोर्ट में कर सकते हैं। क्योंकि एमआरपी से अधिक पैसे लेना कानूनी रूप से अपराध है।

अगर कोई दुकानदार ऐसा करता पाया जाता है तो पहली बार में उसे ₹25000 का जुर्माना दूसरी बार में ₹50000 का जुर्माना और तीसरी बार भी ऐसा करने पर ₹100000 का जुर्माना 1 साल की कैद का प्रावधान है।


दुकानदार MRP से ज्यादा पैसे क्यों नहीं ले सकते है ?

कोई भी दुकानदार एमआरपी से अधिक पैसे इसलिए नहीं ले सकता क्योंकि जब भी किसी प्रोडक्ट की एमआरपी तय की जाती है तो उसमें दुकानदार का कमीशन भी शामिल होता है। यानी कि अगर दुकानदार एमआरपी पर भी सामान बेचता है तब भी उसे प्रॉफिट होता है। 

लेकिन कुछ दुकानदार ऐसे होते हैं जो कि आम लोगों की मजबूरी का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं और जब भी किसी सामान की कमी होती है तब उस समान कि अधिक कीमत वसूलने की कोशिश करते हैं। इसी चीज को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने बाजार में बिकने वाले हर एक प्रोडक्ट पर उसकी MRP को लिखना अनिवार्य कर दिया ताकि कोई भी दुकानदार आम ग्राहकों की मजबूरी का फायदा नहीं उठा सके और उनसे अधिक कीमत वसूल ना कर सके। अगर कोई दुकानदार MRP से अधिक पैसे वसूल करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। 


MRP कौन तय करता है ?

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हम बाजार से जो भी प्रोडक्ट खरीदते हैं उस पर उस की एमआरपी लिखी हुई होती है तो उस समय आपके मन में यह सवाल आ सकता है कि किसी भी प्रोडक्ट की एमआरपी कौन तय करता है ? तो यहां पर हम आपको बताना चाहेंगे कि किसी भी प्रोडक्ट की एमआरपी उसके मैन्युफैक्चरर यानी कि उस प्रोडक्ट को बनाने वाली कंपनी तय करती है। जब भी कोई भी मैन्युफैक्चर कंपनी अपने प्रोडक्ट की एमआरपी तय करती है तो वह उसमें उस प्रोडक्ट का मेकिंग चार्ज, कंपनी प्रॉफिट, टैक्स, ट्रांसपोर्ट का खर्चा, होलसेलर, रिटेलर दुकानदार का कमीशन ये सब एमआरपी के अंदर रखकर ही MRP तय करती है।

जैसे कि मान लीजिए एक बिस्किट बनाने वाली कंपनी है उस कंपनी के एक बिस्किट के पैकेट को बनाने में ₹2 का खर्चा पड़ता है, 50 पैसे कंपनी अपना प्रॉफिट रखती है, 50 पैसा ट्रांसपोर्ट का खर्चा और टैक्स हो जाता है, ₹1 होलसेलर का कमीशन हो जाता है और ₹1 ही रिटेलर का कमीशन हो जाता है। ऐसे करके वह कंपनी उस बिस्किट के एक पैकेट की ₹5 एमआरपी रखती है ताकि MRP के अंदर अंदर ही उस प्रोडक्ट पर लगने वाले हर प्रकार के खर्चे शामिल हो जाएं और कोई भी दुकानदार एमआरपी से अधिक पैसे वसूल ना कर पाए जिससे कि आम ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा हो सके।


अगर कोई दुकानदार MRP से अधिक पैसे ले तो क्या करें ?

अगर कोई भी दुकानदार किसी भी प्रकार के प्रोडक्ट की कीमत MRP से ₹1 भी अधिक लेता है तो आप उसकी शिकायत कंजूमर कोर्ट या कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके कर सकते हैं। कंज्यूमर ग्राहक सेवा केंद्र के नंबर 1800114000 है। आप इस नंबर पर कॉल करके किसी भी दुकानदार की शिकायत कर सकते हैं।


क्या कोई दुकानदार MRP से कम पैसे ले सकता है ?

हां, अगर कोई दुकानदार चाहे तो वह किसी भी प्रोडक्ट की कीमत एमआरपी से कम ले सकता है बस एमआरपी से ज्यादा नहीं ले सकता है। बहुत से दुकानदार अपने ग्राहक बढ़ाने के लिए ऐसा करते हैं और कम प्रॉफिट लेकर अधिक प्रोडक्ट बेचते हैं जिससे उनके ग्राहकों की संख्या भी बढ़ जाती है और उनके प्रोडक्ट भी अधिक मात्रा में बिकते हैं। 


MRP से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

MRP फुल फॉर्म इन हिंदी में क्या है ?

MRP का मतलब हिंदी में 'अधिकतम खुदरा मूल्य' होता है।

क्या दुकानदार एमआरपी से ज्यादा पैसे ले सकता है ?

जी नहीं MRP का मतलब ही होता है मैक्सिमम रिटेल प्राइस, कोई भी दुकानदार MRP में अंकित प्राइस से अधिक पैसे नहीं ले सकता है।

दुकानदार की शिकायत कहां करे ?

आप किसी भी दुकानदार की शिकायत कंज्यूमर ग्राहक सेवा केंद्र में कर सकते हैं।

दुकानदार की शिकायत कौन से नंबर पर करें ?

किसी भी दुकानदार की शिकायत आप कंज्यूमर ग्राहक सेवा केंद्र में कर सकते हैं। कंज्यूमर ग्राहक सेवा केंद्र के हेल्पलाइन नंबर 1800114000 है।

तो अभी हमें उम्मीद है कि आपको MRP क्या होती है ? MRP का मतलब क्या होता है ? इसके बारे में संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। अगर आपके मन में एमआरपी से संबंधित या ऐसे ही किसी अन्य टॉपिक से संबंधित कोई भी सवाल हो तो आप इस लेख के नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं हम आपकी सहायता जरूर करेंगे। 

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