Equity और Commodity क्या होती है ? इनमें क्या अंतर है ?

What is The Deference Between Equity and Commodity in Hindi:- नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में हम इक्विटी और कमोडिटी के बारे में चर्चा करेंगे और जानेंगे कि इक्विटी क्या होती है ? कमोडिटी क्या होती है ? और इनके बीच में क्या अंतर होता है ? 

Equity और Commodity क्या होती है ? इनमें क्या अंतर है ?

अगर आप अक्सर इंटरनेट चलाते हैं और शेयर मार्केट से जुड़ी हुई जानकारियां पढ़ते हैं ? तो आपने Equity और Commodity शब्द को बहुत बार सुना होगा या पढ़ा होगा। लेकिन अगर आप इनके बारे में विस्तार से नहीं जानते हैं ? तो कोई बात नहीं। क्योंकि यहां पर हम आपको इक्विटी और कमोडिटी के बारे में काफी आसान शब्दों में बताने वाले हैं। इसलिए इस लेख को पढ़ने के बाद इक्विटी और कमोडिटी से संबंधित आपके मन में जितने भी सवाल है वह सभी क्लियर हो जाएंगे।


इक्विटी क्या होती है ? What is Equity in Hindi ?

आपको यह तो पता ही होगा कि शेयर मार्केट क्या होता है ? अगर आपको इसके बारे में ज्यादा जानकारी नही है, तब भी आप ये तो जानते ही होंगे कि शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां पर हम हमारे देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं और बाद में जब चाहे तब वापस बेच बेच सकते हैं। तो बस इसी को इक्विटी कहते हैं।

अगर आप शेयर मार्केट के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो इस पर हमने एक आर्टिकल लिखा है। आप वह पढ़ सकते हैं।

लेकिन फिलहाल यहां पर हम इक्विटी के बारे में चर्चा कर रहे हैं। तो इक्विटी को हम कुछ इस प्रकार से समझ सकते हैं कि शेयर मार्केट में कंपनियों के शेयर्स को खरीदने और बेचने को ही इक्विटी कहते हैं। आपको बता दे कि भारत मे NSE और BSE मुख्यरूप से यही दो स्टॉक एक्सचेंज प्लेटफार्म है, जिनके द्वारा आप स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीद और बेच सकते है।

इक्विटी की सबसे अच्छी बात यह है कि अगर आपके पास पैसे कम है ? तो आप किसी भी कंपनी का सिर्फ 1 शेयर भी खरीद सकते हैं। इक्विटी में शेयर्स खरीदने और बेचने की क्वांटिटी पर कोई भी लिमिट नहीं होती है। साथ ही इसकी कोई एक्सपायरी भी नहीं होती है। जैसे कि मान लीजिए आप किसी कंपनी के 10 शेयर आज खरीदते हैं, तो इसके बाद आप जब चाहे तब उन शेयर्स को वापस बेच सकते हैं। आप पर कोई समय सीमा लागू नहीं होती है।

हालांकि अगर आप Intraday में शेयर खरीदते हैं तो आपको एक ही दिन में शेयर खरीद कर वापस बेचने पड़ते हैं। लेकिन इंट्राडे में रिस्क बहुत ज्यादा होता है। इसलिए बहुत ही कम लोग इंट्राडे करते हैं। ज्यादातर लोग डिलीवरीडे में ही शेयर खरीदना पसंद करते हैं।

आपको बता दें कि इक्विटी में इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स दो तरीकों से पैसे कमाते हैं। पहला वह कम कीमत पर कंपनी के शेयर खरीदते हैं। उसके बाद जब उन शेयर्स की कीमत बढ़ जाती है तब वह उनको वापस बेच कर पैसे कमाते हैं। दूसरा स्टॉक मार्केट की ज्यादातर कंपनियां डिवीन्डेड भी देती है, जो कि डायरेक्ट शेरहोल्डर्स के बैंक अकाउंट में जमा होते हैं। डिवीन्डेड को आप कुछ ऐसे समझ सकते हैं कि कंपनियां अपने शेरहोल्डर्स को इनाम के रूप में कुछ एक्स्ट्रा पैसे देती है जिन्हें वह डायरेक्ट शेरहोल्डर्स के बैंक अकाउंट में जमा कर देती है। 

हम आपको बताना चाहेंगे कि जब भी आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के शेयरहोल्डर बन जाते हैं। यानी कि आपके पास उस कंपनी के जितने शेयर है आप उस कंपनी के उतने हिस्से के मालिक बन जाते हैं। अगर हम इक्विटी के रिस्क की बात करें तो इक्विटी में रिस्क तो होता है, लेकिन कमोडिटी के मुकाबले इसमें कम रिस्क होता है।


कमोडिटी क्या होती है ? What is Commodity in Hindi ?

जिस प्रकार से इक्विटी में कंपनियों के शेयर को खरीदा और बेचा जाता है ठीक उसी प्रकार से कमोडिटी में Raw Material, Gold, Silver, Natural Gas, Crude Oil आदि को खरीदा और बेचा जाता है। हालांकि इसमें फिजिकल मटेरियल की खरीदी और बिक्री नहीं होती है बल्कि इसके स्थान इन मैटेरियल्स के कॉन्ट्रैक्ट तैयार किए जाते हैं, जिनकी एक्सपायरी भी होती है। आपको बता दे कि कमोडिटी में आप इक्विटी की तरह सिर्फ एक शेयर नही खरीद सकते है, इसमे आपको कम से कम एक लॉट खरीदना पड़ता है। एक लॉट में कितने भी शेयर हो सकते हैं। यह इस पर डिपेंड करता है कि आप कौनसे मटेरियल का लॉट खरीद रहे हैं।

चलिए इसको एक उदाहरण से समझते हैं। जैसे कि मान लीजिए आप Gold का एक लॉट खरीदना चाहते हैं। किंतु गोल्ड के एक लॉट में 100 शेयर्स हैं, और एक शेयर की कीमत ₹50 है, तो अभी अगर आप गोल्ड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो आपको कम से कम एक लॉट यानी की 100 शेयर्स एक साथ खरीदने पड़ेंगे। आप इससे कम शेयर नहीं खरीद सकते है। इसके अलावा अगर आप को इससे ज्यादा शेयर खरीदने हैं तो आपको दो लॉट यानी कि 200 शेयर खरीदने पड़ेंगे। आपको बता दे कि सभी कमोडिटी मटेरियल की लॉट साइज अलग-अलग होती है।

इसके अलावा कॉमोडिटी कॉन्ट्रैक्ट की वैलिडिटी भी होती है, इसकी वैलिडिटी 1 सप्ताह, 2 सप्ताह, 1 महीना, 2 महीने, 3 महीने ऐसे करके कितनी भी हो सकती है। 

इस एक्सपायरी से पहले पहले ही आप कमोडिटी के कॉन्ट्रैक्ट को खरीद और बेच सकते हैं। हम आपको बताना चाहेंगे कि कमोडिटी में वोलेटिलिटी काफी ज्यादा होती है, जिसके मुख्य रूप से दो कारण हैं एक तो कमोडिटी की खरीदी और बिक्री दुनिया भर में की जाती है, दूसरा इसकी एक वैलिडिटी होती है।

अगर आपको कमोडिटी में ट्रेड करना है तो आप BSE, ICXL, XIMC, XNCD जैसे प्लेटफॉर्म की मदद से कर सकते है। इन शब्दों को पढ़कर आपको ज्यादा कंफ्यूज नहीं होना है। बस आप इतना जान लीजिए कि अगर आपने इक्विटी यानी कि शेयर मार्केट मैं पैसे लगाने के लिए जिस ब्रोकर के यहां अपना डिमैट अकाउंट खुलवा रखा है, वही ब्रोकर आपको कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का भी ऑप्शन देता है। तो आप सिंपली वहां पर अपना कमोडिटी ट्रेडिंग अकाउंट भी बना सकते हैं। जो कि बिल्कुल डिमैट अकाउंट की तरह ओपन हो जाता है।

आपको बता दें कि जितने भी पॉपुलर ब्रोकर्स है जैसे Groww, Angle One, Zerodha, Upstox आदि। लगभग यह सभी अपने कस्टमर्स को इक्विटी और कमोडिटी दोनों में ट्रेडिंग करने के फीचर्स देती हैं।


Equity और Commodity में क्या अंतर है ? 

ऊपर हम आपको इन दोनों के बारे में विस्तार से बता चुके हैं। लेकिन फिर भी अगर हम संक्षिप्त में इनके बीच का अंतर जाने, तो हम इसको कुछ इस प्रकार से समझ सकते हैं कि इक्विटी में हम किसी भी कंपनी के जितने चाहे उतने से शेयर खरीद सकते हैं। शेयर खरीदने के बाद हम उस कंपनी के उतने शेयर्स के मालिक बन जाते हैं। इसके बाद जब उन शेयर्स की कीमत बढ़ जाये या जब हमारा मन करे तब हम उन शेयर्स को वापस बेच सकते हैं।

वहीं अगर हम कमोडिटी की बात करें तो इसमें हमें कम से कम एक लॉट खरीदना पड़ता है। जिसकी एक निश्चित एक्सपायरी होती है। उस एक्सपायरी से पहले पहले ही हमें उस लॉट को खरीदना और बेचना होता है। हम आपको बताना चाहेंगे कि कमोडिटी में वोलैटिलिटी बहुत ज्यादा होती है। यानी कि इसमें रिस्क ज्यादा होता है, वही इक्विटी में रिस्क कम होता है।

आप किसी भी ब्रोकर के यहां अपना अकाउंट खुलवा कर इन दोनों में ट्रेडिंग कर सकते हैं।


FAQ

इक्विटी में क्या-क्या आता है ?

इक्विटी में शेयर मार्केट में लिस्टेड सभी बड़ी-बड़ी कंपनियां के शेयर आते हैं।

कमोडिटी में क्या-क्या आता है ?

कमोडिटी में Raw Material, Gold, Silver, Natural Gas, Crude Oil आदि को खरीदा और बेचा जाता है।

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तो दोस्तों हमें उम्मीद है कि अभी आपको अच्छे से समझ में आ गया होगा कि Equity kya hai ? Commodity kya hai ? Equity aur Commodity me kya antar hai ? अगर आपको जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ में जरूर शेयर करें। इसके अलावा अगर आपके मन में अभी भी ऐसा कोई शब्द हो जिसके बारे में आप नहीं जानते तो आप हमें नीचे कमेंट करके बता सकते हैं। हम आप को उसके बारे में भी बता देंगे। 

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