जज और मजिस्ट्रेट में क्या अंतर होता है ?

What is the difference between judge and magistrate in hindi:- आपने जज और मजिस्ट्रेट इन दोनों शब्दों को जरूर सुना होगा और आप यह भी जानते होंगे कि जज और मजिस्ट्रेट दोनों अदालत में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं, यह जो भी फैसला सुनाते हैं वह सभी को मानना पड़ता है। लेकिन हम आपको बताना चाहेंगे कि जज और मजिस्ट्रेट इन दोनों में अंतर होता है। इस लेख में हम आपको यही बताने वाले हैं कि जज और मजिस्ट्रेट में क्या अंतर होता है ? आपको बता दें कि जज को हिंदी में न्यायाधीश और मजिस्ट्रेट को हिंदी में दंडाधिकारी कहा जाता है तो अगर हम हिंदी में इन शब्दों का मतलब निकाले तो इस लेख में हम आपको न्यायाधीश और दंडाधिकारी में क्या अंतर होता है ? यह बताने वाले हैं।

जज और मजिस्ट्रेट में क्या अंतर होता है ?


न्यायाधीश कौन होता है ? Who is Judge in Hindi ?

जज को हिंदी में न्यायाधीश कहते हैं यानी कि ऐसा व्यक्ति जोकि न्याय दिलाता हो। जज के सामने हमेशा सिविल केस प्रस्तुत किए जाते हैं। सिविल केस का मतलब हिंदी में 'व्यवहार मामले' होते हैं यानी कि ऐसे मामले जोकि व्यवहारिक रुप से सुलझाए जा सके जैसे कि कॉपीराइट के मामले, पेटेंट के मामले या अगर आपके सम्मान को किसी ने ठेस पहुंचाई हो तो उसके खिलाफ मामला, किसी ने आपकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया हो उसका मामला आदि। 

Civil Cases में कौन कौनसे मामले आते है ? इसकी जानकारी CPC 1908 के Section 9 में मिलती है। तो अगर आप सिविल केसेस के बारे में विस्तार से जानना चाहते है तो आप इस सेक्शन को पढ़ सकते है। बाकी व्यवहार मामलों में यानी कि सिविल केसेस में अपराधी को किसी प्रकार का दंड नहीं दिया जाता है बल्कि उससे हर्जाने के रूप में कुछ पैसे केस करने वाले को दिलवाए जाते है या जायज इंसाफ किया जाता है।


दंडाधिकारी कौन होता है ? Who is Megistrate in Hindi

मजिस्ट्रेट को हिंदी में दंडाधिकारी कहते हैं। जिसका मतलब ऐसा व्यक्ति होता है जो कि अपराधी को दंड देता है। मजिस्ट्रेट के सामने हमेशा क्रिमिनल केस प्रस्तुत किए जाते हैं। क्रिमिनल केस का मतलब हिंदी में 'दांडिक मामले' तथा उर्दू में 'फौजदारी मामले' होता है।

क्रिमिनल केस ऐसे केस होते हैं जिनमें अपराध के लिए प्रावधान हो और पहले से ही दंड निश्चित किया गया हो। ये ऐसे मामले होते हैं जिनमें केस दर्ज करवाने वाले व्यक्ति के द्वारा अपराधी के लिए दंड की मांग की जाती है। क्रिमिनल मामलों में कत्ल, रेप, डकैती जैसे अपराध आते है।


जज और मजिस्ट्रेट में क्या अंतर होता है ?

जैसा कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं की जज के सामने हमेशा सिविल केस प्रस्तुत किए जाते हैं और जज हमेशा सिविल केस की सुनवाई करता है वहीं पर मजिस्ट्रेट के सामने क्रिमिनल केस प्रस्तुत किए जाते हैं और मजिस्ट्रेट क्रिमिनल केस की सुनवाई करता है।

अभी यहां पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि जज और मजिस्ट्रेट शब्द का इस्तेमाल न्यायालय के सबसे निम्न स्तर यानी की ब्लॉक लेवल पर किया जाता है। ब्लॉक लेवल के बाद अगर हम जिला न्यायालय की बात करें तो जिला न्यायालय में सिविल मामले District Court में प्रस्तुत किए जाते है वही क्रिमिनल मामले Session Court में प्रस्तुत किए जाते है। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के न्यायधीश को डिस्ट्रिक्ट न्यायाधीश कहा जाता है वही सेशन कोर्ट के न्यायाधीश को सत्र न्यायाधीश कहा जाता है। यानी कि जिला स्तर पर आने के बाद दोनों प्रकार के मामले जज यानी कि न्यायाधीश के द्वारा ही सुलझाए जाते हैं। इसके बाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को जस्टिस (Justice) कहा जाता है जिसका मतलब हिंदी में न्यायमूर्ति होता है।


FAQ

Judge को हिंदी में क्या कहते है ?

जज को हिंदी में न्यायाधीश कहते हैं।

Megistrate को हिंदी में क्या कहते है ?

मजिस्ट्रेट को हिंदी में दंडाधिकारी कहते हैं।

न्यायमूर्ति किसे कहा जाता है ?

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को न्यायमूर्ति (Justice) कहा जाता है।

जज और मजिस्ट्रेट में से बड़ा कौन होता है ?

जज और मजिस्ट्रेट दोनों अपने अपने स्थान पर बड़े पद होते है। जहां जज व्यवहारिक मामलों में करवाई करते हैं तो वही मजिस्ट्रेट दांडिक मामलों में कार्रवाई करते हैं।

मजिस्ट्रेट का काम क्या होता है ?

मजिस्ट्रेट का कार्य ब्लॉक स्तर पर होने वाले दंडनीय अपराधिक मामलों पर करवाई करके पीड़ित को न्याय दिलाना होता है।

सिविल जज का क्या कार्य होता है ?

सिविल जज का कार्य ऐसे मामलों में अपना फैसला सुनाना होता है जो की दंडनीय अपराध ना हो बल्कि ऐसे अपराध हो जिनको व्यवहारिक रुप से सुलझाए जा सके जैसे कि कॉपीराइट के मामले, पेटेंट के मामले आदि। 

यहां पर हमने आपको जज और मजिस्ट्रेट में क्या अंतर होता है ? इसके बारे में संपूर्ण जानकारी बताइए किंतु फिर भी इस सूचना में किसी भी प्रकार की त्रुटि होने की स्थिति में आप हमें नीचे कमेंट करके बता सकते हैं हम उस त्रुटि को ठीक कर देंगे। इसके अलावा अगर आपको यह जानकारी न्यायाधीश और दंडाधिकारी में क्या अंतर होता है ? पसंद आए तो इसे अपने बाकी दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें।  

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