TDS क्या होता है ? टीडीएस का मतलब क्या होता है ?

What is TDS Full Information in Hindi:- ITR, Income Tax, Form 16, TDS ये ऐसे कुछ फाइनेंसियल शब्द है जो हम सभी को बार बार सुनने को मिलते हैं। जिनमे से एक शब्द TDS है जिसका नाम आपने बहुत बार सुना होगा। हमारे आस पास के लोग ही अक्सर बाते करते रहते है कि मेरा इतना TDS कट गया, मुझे इतना TDS रिफंड मिला, इनकम टैक्स फ़ाइल करने पर TDS मिल जाता है आदि।

तो इस लेख में हम टीडीएस के बारे में विस्तार से जानेंगे कि TDS क्या होता है ? TDS का मतलब क्या होता है ? टीडीएस क्यों काटा जाता है ? टीडीएस रिटर्न कैसे लें ? कुल मिलाकर इस लेख में आपको टीडीएस के बारे में A to Z कंप्लीट जानकारी मिलने वाली है।

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TDS की फुल फॉर्म क्या है ?

TDS की फुल फॉर्म Tax Deducted at Source होती है। TDS का मतलब हिंदी में 'स्रोत पर टैक्स' यानी की 'स्रोत पर लगने वाला टैक्स' होता है।


TDS क्या होता है ? टीडीएस का मतलब क्या होता है ?

जैसा कि आप इसके नाम से ही समझ सकते हैं कि यह एक ऐसा टैक्स है जो इनकम सोर्स पर ही लग जाता है। अगर दूसरे शब्दों में समझे तो यह एक ऐसा टैक्स होता है जो कि कर्मचारियों को उनकी सैलरी मिलने से पहले ही लग जाता है। चलिए इसको एक उदाहरण से समझते हैं आपको ज्यादा अच्छी तरीके से समझ में आएगा।

तो देखिए दोस्तों, जितनी भी प्रकार की सरकारी नौकरियां है उन सभी में हर पद के लिए एक फिक्स मंथली सैलेरी होती है। लेकिन जितनी सैलरी पहले से फिक्स होती है उतनी सैलरी किसी भी सरकारी कर्मचारी को नहीं मिलती है, बल्कि कई प्रकार के टैक्स कट कर पहले से फिक्स सैलरी से कम पैसे ही मिलते हैं। आपने अपने आसपास के सरकारी कर्मचारियों से सुना भी होगा कि मेरी सैलरी तो ₹50000 है लेकिन टीडीएस कट के सिर्फ ₹45000 ही मिलते हैं या सैलरी तो 50,000 है लेकिन काट पीट के ₹40000 से ₹45000 रुपये ही मिलते हैं। तो जो पैसे सरकारी कर्मचारियों के कटते हैं वह टीडीएस के पैसे ही होते हैं जोकि कर्मचारी को उसकी सैलरी मिलने से पहले ही काट लिए जाते हैं।

यानी कि टीडीएस एक ऐसा टैक्स है जो कि कर्मचारियों को उनकी सैलरी देने से पहले ही सरकार द्वारा काट लिया जाता है। आप चाहे इनकम टैक्स भरने वाले लोगों की केटेगरी में आए या ना आए लेकिन अगर आपकी नौकरी सरकारी है तो आपकी सैलरी पर टीडीएस जरूर कटता है, इसके अलावा बहुत से प्राइवेट कर्मचारियों की सैलरी पर भी टीडीएस काटा जाता है।


टीडीएस क्यों काटा जाता है ?

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हमारे देश में टैक्स की चोरी बहुत ज्यादा होती है, ऐसे हजारों लाखों लोग हैं जो की इनकम टैक्स भरने के दायरे में तो आते हैं लेकिन टैक्स नहीं भरते या समय पर टैक्स नहीं भरते है। इसी चीज को कम करने के लिए भारत सरकार द्वारा टीडीएस सिस्टम को लाया गया और एक ऐसा सिस्टम तैयार किया गया जिससे की देश के ऐसे नागरिक जिनकी सैलरी अधिक है या जो इनकम टैक्स भरने वाले लोगों की केटेगरी में आ सकते है उनकी सैलरी पर पहले ही टैक्स लगा दिया जाता है और उनको सैलरी मिलने से पहले ही उनकी सैलरी का एक हिस्सा सरकार अपने पास रख लेती है ताकि अधिक सैलरी वाले लोग चाह कर भी टैक्स की चोरी ना कर सके।

आप चाहे इनकम टैक्स भरने वाले लोगों की कैटेगरी में आते हो या ना आते हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। अगर आप सरकारी नौकरी करते हैं या किसी बड़ी प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं तो आपकी सैलरी का कुछ हिस्सा पहले ही टैक्स के रूप में काट लिया जाता है। इसलिए ऐसे लोग जिनकी सैलरी पर टीडीएस कटता है उन्हें इनकम टैक्स फाइल जरूर बनवानी चाहिए। ताकि अगर वह इनकम टैक्स भरने की केटेगरी में नहीं आते हैं तो उनका जितना भी टीडीएस कटा है वह उन्हें वापस मिल सके या मान लीजिए अगर आप इनकम टैक्स भरने वाले लोगों की कैटेगरी में आते हैं तो जितने पैसे आपको टैक्स के चुकाने हो उतने टीडीएस बैलेंस में से कट जाएं और बाकी के पैसे आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएं।

चलिए इसको एक उदाहरण से समझते हैं जैसे कि मान लीजिए आप किसी सरकारी विभाग में नौकरी करते हैं और आपकी 1 महीने की सैलरी ₹50000 है, लेकिन इसमें से ₹5000 टीडीएस के कटकर आपको हर महीने सिर्फ ₹45000 ही मिलते हैं। अभी मान लीजिए अगर आपकी सैलरी पर कायदे से सिर्फ महीने का ₹1000 ही टैक्स बनता है तो आपको अपनी इनकम टैक्स फाइल बनवानी चाहिए जिससे हर महीने आपके टीडीएस के रूप में जो ₹5000 कटे थे उनमें से सिर्फ ₹1000 रुपए सरकार के पास जाएंगे और बाकी के ₹4000 आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाएंगे। लेकिन अगर आप इनकम टैक्स फाइल नहीं बनवाते हैं तो भले ही आपकी सैलरी पर ₹1000 टैक्स बनता हो या बिल्कुल भी ना बनता हो आपको टीडीएस के पैसों में से ₹1 रुपया भी नहीं मिलेगा, सारे के सारे पैसे सरकार के पास ही रहेंगे। इसलिए आप चाहे इनकम टैक्स भरने वाले लोगों की केटेगरी में आते हो या ना आते हो आपको इनकम टैक्स फाइल जरूर बनवानी चाहिए।


टीडीएस रिटर्न कैसे लें ?

अभी आपके मन में यह सवाल भी जरूर होगा कि हमें सैलरी मिलने से पहले ही टीडीएस तो सरकार काट लेती है लेकिन अगर हमारा टीडीएस बहुत ज्यादा कट रहा हो या अगर हम इनकम टैक्स भरने वाले लोगों की श्रेणी में आते ही नहीं हो तो टीडीएस के पैसे वापस लेने के लिए हमें क्या करना पड़ेगा ? इसके लिए आपको बस अपनी इनकम टैक्स फाइल बनानी पड़ेगी जो कि आप ऑनलाइन या अपने किसी भी जानकारी CA से बनवा सकते हैं।

इनकम टैक्स फाइल बनवाते समय आपको अपने सीए को टीडीएस के बारे में जानकारी देनी है। इसलिए CA आपसे Form 16 भी मांगेगा, जो कि आप जिस विभाग में काम करते हैं उस विभाग से प्राप्त कर सकते हैं। 

यह Form 16 आपकी इनकम टैक्स फाइल के साथ लगेगा जिससे आपके जितने भी TDS के पैसे बनते हैं वह सारे के सारे आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाएंगे।


TDS से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

टीडीएस की फुल फॉर्म हिंदी में क्या होती है ?

TDS की फुल फॉर्म हिंदी में 'स्रोत पर टैक्स' यानी की 'स्रोत पर लगने वाला टैक्स' होती है।

TDS रिटर्न लेने के लिए क्या करना पड़ता है ?

अगर आपकी इनकम इतनी नहीं है कि आपको इनकम टैक्स चुकाना पड़े और फिर भी आपका टीडीएस कट रहा है तो आप उसको रिटर्न ले सकते हैं। इसके लिए आपको ITR फाइल लगानी पड़ेगी जो कि आप खुद ऑनलाइन या किसी CA से लगवा सकते हैं। आईटीआर फाइल लगाने के बाद आपको टीडीएस के पैसे रिटर्न मिल जाते हैं।

क्या हम TDS को कटने से रोक सकते हैं ?

जी नहीं आप TDS को कटने से नहीं रोक सकते हैं। हां आप इतना जरूर कर सकते हैं कि अगर आपके टीडीएस के पैसे ज्यादा कट रहे है तो आप आईटीआर फाइल लगाकर टीडीएस को वापस रिटर्न ले सकते हैं।

TDS कब काटा जाता है ?

अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं या किसी बड़ी प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं तो जब आपकी सैलरी आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जाती है तो उसी समय आपकी सैलरी में से टीडीएस काट लिया जाता है।

TDS किस-किस का कटता है ?

जितने भी सरकारी कर्मचारी है तथा बड़ी बड़ी प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारी है उन सभी की सैलरी में से टीडीएस कटता है। 

तो अभी हमें उम्मीद है कि आपके मन में टीडीएस को लेकर जितने भी डाउट थे सभी क्लियर हो गए होंगे। अगर आपके मन में TDS kya hai in hindi को लेकर अभी भी कोई सवाल हो तो आप नीचे कमेंट करके हमें बता सकते हैं। इसके अलावा अगर आप ऐसे ही किसी अन्य टॉपिक के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तब भी आप इस आर्टिकल के नीचे कमेंट करके हमें पूछ सकते हैं। 

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