अध्यादेश क्या होता है ? पूरी जानकारी।

What is ordinance full in hindi:- अध्यादेश क्या होता है ? क्या आपके मन में भी यही सवाल है ? अगर हां, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए है। इस लेख में हम आपको अध्यादेश के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में बताने वाले हैं।

अध्यादेश के बारे में हम सभी ने कही न कही अपनी स्कूल शिक्षा के दौरान पढ़ा है। लेकिन उस टाइम का पढ़ा हुआ किसको याद रहता है😄, लेकिन अभी वर्तमान में जब से केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली में अध्यादेश लेकर आई है तब से देशभर में इस अध्यादेश की चर्चा हो रही है।

बहुत सारे लोगो के मन में सवाल आ रहा है की आखिर ये अध्यादेश क्या होता है ? क्या अध्यादेश में इतनी ताकत होती है की ये भारत के सर्वोच्च न्यायालय की फैसले को भी चुनौती दे सकता है ? क्या अध्यादेश को भी सुप्रीम कोर्ट समाप्त कर सकता है ? या फिर अध्यादेश को कैसे समाप्त किया जा सकता है ? कुल मिलाकर इस लेख में आपको अध्यादेश के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में मिलने वाली है। तो अगर आप अध्यादेश के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक पढ़िएगा, आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी हो जाएगी।

अध्यादेश को कैसे समाप्त किया जा सकता है ?


अध्यादेश क्या होता है ? पूरी जानकारी।

अध्यादेश को अंग्रेजी में Ordinance कहा जाता है। अध्यादेश को आप एक तरह से केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया आदेश या फिर कानून मान सकते हैं जो कि राष्ट्रपति के द्वारा केंद्र सरकार के कहने पर जारी किया जाता है। आपको बता दें कि अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी चुनौती दे सकता है लेकिन इसमें भी कुछ नियम होते हैं। अध्यादेश सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवमानना नहीं कर सकता है। अध्यादेश में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए तथा सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निगरानी में रखते हुए अध्यादेश जारी करना होता है। अध्यादेश में जो भी आदेश होता है वही एक तरह से कानून माना जाता है और हमारे देश में सभी को वही कानून मानना पड़ता है।


अध्यादेश कब जारी किया जाता है ?

आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रपति का संदर्भ लेते हुए अध्यादेश सिर्फ विशेष और आपातकालीन परिस्थितियों में ही लाया जाता है। अध्यादेश मुख्य रूप से उस समय लाया जाता है जब देश की संसद में किसी कारण से कार्य ना हो रहा हो और कोई नया कानून तुरंत के तुरंत लाना हो। 

जब देश में कोई नया कानून लाना बहुत ज्यादा आवश्यक हो और उस कानून के बारे में संसद में चर्चा करने जितना समय ना हो तब सरकार द्वारा अध्यादेश लाया जाता है और तुरंत ही उस कानून को लागू किया जाता है। आपको बता दे की इस अध्यादेश की समय अवधि 6 महीने होती है। 6 महीने के अंदर अंदर इस अध्यादेश को संसद के लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों से पास करवाना होता है। अगर अध्यादेश लोकसभा या राज्यसभा से पास नहीं होता है तो उसी समय अध्यादेश को निरस्त माना जाता है। इसके अलावा अगर 6 महीने तक भी अध्यादेश को संसद में प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो उसे अपने आप ही समाप्त माना जाता है।

आपको बता दे की अध्यादेश से देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों को निरस्त नहीं किया जा सकता है। इसलिए अगर सरकार द्वारा ऐसा कोई अध्यादेश लाया जाए जिसमे नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन हो या देश के संविधान की अवमानना हो तो उसके खिलाप सर्वोच्च न्यायालय में मामला दर्ज होगा और उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।


FAQ

अध्यादेश का क्या अर्थ है ?

अध्यादेश केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया आदेश या कानून होता हैं जो कि राष्ट्रपति के द्वारा केंद्र सरकार के कहने पर जारी किया जाता है।

ऑर्डिनेंस (Ordinance) को हिंदी में क्या कहते है ?

Ordinance को हिंदी में अध्यादेश कहते है।

अध्यादेश की अवधि कितनी होती है ?

अध्यादेश की समय अवधि 6 महीने होती है।

अध्यादेश कौन जारी करता है ?

अध्यादेश राज्यपाल या राष्ट्रपति सरकार के कहने पर जारी करता है।

अध्यादेश और विधेयक में अंतर होता है ?

विधेयक लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद ही देश में कानून के रूप में लागू होता है वही अध्यादेश पहले ही देश में कानून के रूप में लागू हो जाता है उसके बाद 6 महीने के अंदर अंदर उसे संसद से पास करवाना होता है।

क्या अध्यादेश निरस्त हो सकता है ?

जी हां अगर अध्यादेश 6 महीने के अंदर अंदर लोकसभा और राज्यसभा से पास ना हो तो वो अपने आप ही निरस्त हो जाता है।

अध्यादेश का मतलब यही होता हैं। अगर आपको यह जानकारी adhyadesh kya hota hai in hindi ? पसंद आई है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करे। इसके अलावा अगर आप ऐसे ही किसी अन्य टॉपिक पर जानकारी प्राप्त करना चाहे तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते है।   

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